Malaria Vaccine: भारत के लिए जल्द ही पहले स्वदेशी टीके का उत्पादन होगा शुरू, तैयारियां पूरी!

Malaria Vaccine: भारत के लिए जल्द ही पहले स्वदेशी टीके का उत्पादन होगा शुरू, तैयारियां पूरी!

Malaria Vaccine: मलेरिया मुक्त भारत के लिए जल्द ही पहले स्वदेशी टीके का उत्पादन शुरू होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी है जो अगले कुछ सप्ताह में भारत के अलग-अलग स्थानों पर मौजूद फैक्टरियों में टीका उत्पादन शुरू करेंगी। इस साल के अंत तक पहला बैच जारी हो सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल ही में मलेरिया रोधी टीके की खोज की है। यह न केवल संक्रमण बल्कि मलेरिया के समुदाय में प्रसार पर भी रोक लगाने में सक्षम है। आईसीएमआर और भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के वैज्ञानिकों ने अपनी इस खोज को एडफाल्सीवैक्स नाम दिया है, जो मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है।

भारत का पहला स्वदेशी मलेरिया रोधी टीका

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि यह भारत का पहला स्वदेशी मलेरिया रोधी टीका है जो रक्त में पहुंचने से पहले के चरण और ट्रांसमिशन-ब्लॉकिंग यानी संक्रमण प्रसार को रोकने में दोहरा असर दिखाता है। इसके निर्माण में लैक्टोकोकस लैक्टिस का प्रयोग करते हैं जो एक ग्राम-पॉजिटिव जीवाणु है और इसका उपयोग छाछ और पनीर के उत्पादन में बड़े पैमाने पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से भारत के अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के बीच पुल मजबूत होगा, जिससे जल्दी और प्रभावी रूप से नवाचारों का व्यवसायीकरण संभव होगा।

दरअसल, वैश्विक स्तर पर मलेरिया के दो टीकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी प्राप्त हुई है। उन्हें आरटीएस और आर 21/मैट्रिक्स-एम नाम से पहचान दी गई है। इन दोनों टीकों की तुलना में भारत का स्वदेशी टीका अलग है। दरअसल, मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है। यह परजीवी संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है।

ये 5 कंपनियां करेंगी टीके का उत्पादन

भारत में जल्द से जल्द टीका उत्पादन के लिए आईसीएमआर ने पांच कंपनियों को तकनीक सौंपी है। इनमें से एक पैनेसिया कंपनी के साथ डेंगू रोधी टीका पर पहले से काम चल रहा है। इसके अलावा बायोलॉजिकल ई, जायडस लाइफ साइंस, इंडियन इम्युनोलॉजिकल और टेक इन्वेंशन कंपनी के साथ करार किया है। इन कंपनियों की अलग अलग फैक्टरियों में टीका का उत्पादन होगा जिनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर आपूर्ति के लिए पर्याप्त क्षमता है।

डब्ल्यूएचओ से मंजूरी जल्द

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि भारत अपने स्वदेशी टीके को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए प्रयास कर रहा है। जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुमति के लिए भेजा जाएगा जिसके बाद मलेरिया रोधी टीकों में से एक भारत का होगा और दूसरे देशों का सहयोग कर सकेगा क्योंकि 2023 में वैश्विक स्तर पर मलेरिया के 26 करोड़ अनुमानित मामले दर्ज हुए जो 2022 की तुलना में एक करोड़ मामलों की वृद्धि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *