India Bhutan Rail Connectivity Project: पहली बार भारत और भूटान के बीच रेल सेवा शुरू की जा रही है। भारत सरकार ने इसके लिए दो रेल लाइनें बिछाने की घोषणा की है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ये रेल लाइनें असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू और पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के सामत्से तक बिछाई जाएंगी। अभी पश्चिम बंगाल में हासीमारा तक ट्रेन थी, अब ये सीधे भूटान के गेलेफू तक जाएगी। 89 किमी लंबे इन दो रेल प्रोजेक्ट्स पर ₹4,033 करोड़ खर्च होंगे।
विक्रम मिसरी ने बताया कि ये दोनों परियोजनाएं भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क परियोजनाओं के पहले सेट का हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं के लिए पिछले साल पीएम मोदी की भूटान यात्रा के दौरान समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए थे।
रेल मंत्रालय उठाएगा खर्च | India Bhutan Rail Connectivity Project
समझौते के अनुसार, भारत सरकार इन दोनों रेल प्रोजेक्ट्स में पूरी मदद करेगी। भारत की तरफ की रेलवे लाइन का खर्च रेल मंत्रालय उठाएगा। भूटान की तरफ का हिस्सा भारत सरकार की मदद से भूटान की 5-वर्षीय योजना के तहत बनेगा। इसमें किसी तीसरे देश का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भारत है। उसका ज्यादातर व्यापार भारतीय बंदरगाहों से होता है। सीधी रेल कनेक्टिविटी से भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पड़ोसी देशों में रेल नेटवर्क बिछा रहा भारत | India Bhutan Rail Connectivity Project
भारत लगातार पड़ोसी देशों में रेल नेटवर्क बिछा रहा है। भारत और बांग्लादेश में अगरतला से अखौरा के बीच रेलमार्ग लगभग तैयार है। हालांकि, इसके उद्घाटन से पहले ही बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया था, तब से इसका काम अटका हुआ है। इसके अलावा भारत और म्यांमार के बीच मिजोरम और मणिपुर से रेल लाइन बिछाने का प्लान था।
मोरे-तामु रेल लिंक नाम का यह प्रोजेक्ट 2021 में म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद रुक गया। यह रेल ट्रांस-एशियाई रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। इसका मकसद म्यांमार, थाइलैंड, कंबोडिया समेत दूसरे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को रेल नेटवर्क के जरिए भारत से कनेक्ट करना है।