Akhilesh Yadav का वार, बोले- भाजपा के लोग वोटों की डकैती छोड़ दें

Akhilesh Yadav का वार, बोले- भाजपा के लोग वोटों की डकैती छोड़ दें

Akhilesh Yadav on Vote Chori: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को फिरोजाबाद के टूंडला में स्व. बीआर यादव (काका जी) को श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक संतप्त परिजनों से संवेदना व्यक्त की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों की दुर्दशा हो रही है। भाजपा ने किसानों को झूठे सपने दिखाएं। आज किसान को फसल के लिए यूरिया और अन्य खादों की सबसे ज्यादा आवश्यकता है लेकिन नहीं मिल पा रही है। अयोध्या समेत कई जिलों में खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइनें है। सरकार किसानों को खाद नहीं उपलब्ध करा पा रही हैं, किसानों पर लाठियां चलायी जा रही है। भाजपा सरकार में किसान पूरी तरह बेबस है।

2022 के विधानसभा चुनाव में काटे गये वोटरों के नामों के चुनाव आयोग को भेजे शपथ पत्रों को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अब यह लड़ाई चुनाव आयोग और डीएम के बीच में है। अभी तक चुनाव आयोग कह रहा था कि उन्हें डिलीट वोटरों के नामों का कोई शपथ पत्र नहीं मिला है, जबकि डीएम लोग कह रहे है कि उन्हें मिला है। हम लोगों ने 18 हजार वोटरों का जो शपथ पत्र दिया है, उस पर चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों को तय करना है। अब डीएम रिपोर्ट लगाएगा और चुनाव आयोग तय करेगा।

भाजपा जो कहेगी, चुनाव आयोग वही करेगा | Akhilesh Yadav on Vote Chori

सपा सुप्रीमो ने कहा कि वोट चोर-गद्दी छोड़ से ऊपर भी समाजवादियों ने नारा दिया है कि भाजपा के लोग डकैती छोड़ दे। पत्रकारों समेत सभी लोगों ने देखा कि रामपुर में लोगों को वोट डालने के लिए बाहर नहीं निकलने दिया। कुंदरकी उपचुनाव में जितना वोट पड़ा, उसका 80 फीसदी वोट भाजपा का हो गया। चुनाव में चुनाव आयोग, भाजपा और जिला प्रशासन की तिकड़ी लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि वोटिंग का रिकॉर्ड देने के मामले में भाजपा जो कहेगी, चुनाव आयोग वही करेगा।

पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा कि भाजपा को डर है कि उपचुनाव में पुलिस ने प्राइवेट ड्रेस में जो वोट डाला है, उसकी पहचान हो जाएगी। इसलिए वोट किसने डाला है, उसकी रिकॉर्डिंग नहीं मिल रही है। चंडीगढ़ में सभी ने देखा की कैमरे से पकड़े गये थे। एक सवाल के जवाब में श्री अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जब तानाशाह घबराते है तो अपनी कुर्सी बचाने के लिए तो मनमानी भरे फैसले लेते हैं। फैसले लेने के बाद भी दुनिया को कोई तानाशाह चाहे जर्मनी का रहा हो या इटली और रशिया का तानाशाह रहा हो, वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाया है।

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