RSS Chief Mohan Bhagwat ने कहा- पहलगाम हमले से दोस्त-दुश्मनों का पता चला, अब सतर्क और ताकतवर बनना होगा

RSS Chief Mohan Bhagwat ने कहा- पहलगाम हमले से दोस्त-दुश्मनों का पता चला, अब सतर्क और ताकतवर बनना होगा

RSS Sangh Vijaya Dashami Utsav 2025: नागपुर में गुरुवार (02 अक्‍टूबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजय दशमी पर संगठन का शताब्दी समारोह मनाया। इस मौके पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना से हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला।

उन्होंने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों में समझ रखनी होगी। पहलगाम घटना हमें सिखा गई कि भले ही हम सभी के साथ दोस्ती का भाव रखते हैं और रखेंगे, लेकिन हमें अपनी सुरक्षा के प्रति और अधिक सजग, समर्थ रहना पड़ेगा। हमें अपना एक नया आर्थिक मॉडल गढ़ना होगा। दुनिया परस्पर निर्भरता से चलती है, लेकिन साथ ही हमें यह भी समझना होगा कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं है।

RSS Chief Mohan Bhagwat ने कहा- पहलगाम हमले से दोस्त-दुश्मनों का पता चला, अब सतर्क और ताकतवर बनना होगा

डॉ. हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि

आरएसएस चीफ ने शताब्दी समारोह में 41 मिनट के भाषण में समाज में आ रहे बदलाव, सरकारों का रवैया, लोगों में बेचैनी, पडोसी देशों में उथल-पुथल, अमेरिकी टैरिफ का जिक्र किया। इससे पहले भागवत ने आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। शस्त्र पूजन किया। इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे।

पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही | RSS Sangh Vijaya Dashami Utsav 2025 

मोहन भागवत ने कहा, आज पूरी दुनिया में अराजकता का माहौल है। ऐसे समय में पूरी दुनिया भारत की तरफ देखती है। आशा की किरण ये है कि देश की युवा पीढ़ी में अपने देश और संस्कृति के प्रति प्रेम बढ़ा है। समाज खुद को सक्षम महसूस करता है और सरकार की पहल से खुद ही समस्याओं का निदान करने की कोशिश कर रहा है। बुद्धिजीवियों में भी अपने देश की भलाई के लिए चिंतन बढ़ रहा है।’

दुनिया में आप अकेले जी नहीं सकते

उन्‍होंने कहा, अमेरिका ने जो नई टैरिफ नीति अपनाई उसकी मार सभी पर पड़ रही है। इसलिए दुनिया में आपसी संबंध बनाने पड़ते हैं। आप अकेले नहीं जी सकते लेकिन ये निर्भरता मजबूरी में न बदल जाए। इसलिए हमको इसको मजबूरी न बनाते हुए आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। अमेरिका ने नई टैरिफ नीति अपने हितों को ध्यान में रखकर बनाई। इससे सभी प्रभावित हुए। मित्र देशों के साथ संबंध रखना तो ठीक लेकिन वो बिना किसी मजबूरी के होने चाहिए।

हिंसा बदलाव का तरीका नहीं

भागवत ने कहा, प्राकृतिक उथल-पुथल के बाद पड़ोसी देशों में भी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। कभी-कभी होता है प्रशासन जनता को ध्यान में रखकर नीति नहीं बनाता, उनमें असंतोष होता है लेकिन उसका इस तरह से सामने आना वह ठीक नहीं है। इतनी हिंसा सही नहीं है। लोकतांत्रिक तरीके से बदलाव आता है।

हिंसक परिवर्तनों से अराजकता की स्थिति बनती है

उन्‍होंने कहा, हिंसक परिवर्तनों से उद्देश्य नहीं मिलता बल्कि अराजकता की स्थिति में बाहर की ताकतों को खेल-खेलना का मौका मिल जाता है। पड़ोसी देशों में ऐसा होना हमारे लिए चिंता का विषय है,क्योंकि वे पहले हमारे लोग ही थे। परिस्थिति ऐसी हैं कि सुख सुविधा बढ़ी, राष्ट्र पास आए,आर्थिक लेने देन के जरिए पास आए। मनुष्य जीवन में जंग और कलह चल रहे हैं अब परिवारों में भी टूटन आ रही है।

RSS Chief Mohan Bhagwat ने कहा- पहलगाम हमले से दोस्त-दुश्मनों का पता चला, अब सतर्क और ताकतवर बनना होगा

 

आजादी महात्मा गांधी का भी प्रमुख योगदान | RSS Sangh Vijaya Dashami Utsav 2025

आरएसएस प्रमुख ने कहा, यह साल श्रीगुरुतेग बहादुकर के बलिदान का 350वां वर्ष है। हिंद की चादर बनकर जिन्होंने अन्याय से समाज की मुक्ति के लिए अपना बलिदान दिया। ऐसे विभूति का स्मरण इस साल होगा। उन्होंने कहा कि आज गांधी जी की भी जयंती है। उनका योगदान अविस्मरणीय है। आजादी के बाद भारत का तंत्र कैसा चले उसके बारे में विचार देने वालों में उनका नाम था।

जैसा आपको देश चाहिए वैसा आपको होना पड़ेगा

मोहन भागवत ने कहा, भाषण देने वालों को भी अपने जीवन में बदलाव लाना होगा। उन्हें उदाहरण देना पड़ेगा। जो समाज को अपना मानकर चलते हैं, वैसा नेतृत्व चाहिए। संघ का अनुभव है कि व्यक्ति निर्माण से समाज परिवर्तन और समाज परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन होता है। उन्होंने कहा कि सब जगह ऐसा ही होता है। हर एक राष्ट्र में समाज का अपना तरीका था सब जगह खत्म हो गया लेकिन भारत में यह अभी भी चल रहा है। समाज के क्रियाकलापों से मुनष्य का निर्माण होता है।

उन्‍होंने कहा, आदत बदले बिना बदलाव नहीं आता। जैसा आपको देश चाहिए वैसा आपको होना पड़ेगा। संघ की शाखा ये आदत बदलने का तरीका है। 100 सालों में सबकुछ देखा संघ को राजनीति में आने का न्योता मिला लेकिन उसने नहीं किया। स्वयंसेवकों ने शाखा को हमेशा चलाया है। आदत बननी चाहिए, लेकिन छूटनी नहीं चाहिए।

आज हमारी विविधताओं को खत्म करने की कोशिश की जा रही | RSS Sangh Vijaya Dashami Utsav 2025

आरएसएस प्रमुख ने कहा, शाखा से स्वंयसेवकों में राष्ट्र के प्रति भक्ति का निर्माण होता है। किसी भी देश को ऐसा होना हो तो समाज में एकता चाहिए। हमारा देश विविधताओं का देश है। बीच के काल में आक्रमण हुए विदेश भारत आ गए। यहां के लोगों ने उनके पंत को स्वीकार किया,अंग्रेज चले गए लेकिन कुछ परंपराएं यहां रह गईं। अब हम उन परंपराओं का सम्मान कर रहे हैं। हम उन्हें पराया नहीं मानते। हम दुनिया की सभी परंपराओं का स्वागत करते हैं। आज अपने देश में इन विविधताओं को भेद में बदलने की कोशिश चल रही है। सब अपनी जगह ठीक हैं हम एक ही हैं हम अलग नहीं है। एकता के चलते हमारा सबका आपस का व्यवहार सम्मानपूर्वक होना चाहिए।

उन्‍होंने कहा, सब के अपने पूजा स्थान हैं। उनका सम्मान होना चाहिए। यहां सब साथ रहते हैं, जैसे बर्तन साथ रहते हैं, तो आवाज हो जाती है। समाज में इतने लोग हैं अगर छोटी बातों पर कुछ हो जाता है, सड़क पर निकल आए, तो यह ठीक नहीं है। शासन प्रशासन अपना काम बिना पक्षपात के करते हैं, लेकिन समाज की युवा पीढ़ी को सजग होना पड़ेगा, क्योंकि ये अराजकता का व्याकरण है, इसे रोकना पड़ेगा। हमारा एकता का आधार हमारी विविधिता है। भारत की विशेषता है वो सर्व समाजसेवक है।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद बोले- नागपुर की भूमि महान विभूतियों की रही है

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा, आज का विजयादशमी उत्सव आरएसएस की शताब्दी का प्रतीक है। नागपुर की पावन भूमि आधुनिक भारत की कुछ महान विभूतियों की स्मृतियों से जुड़ी है। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और डॉ. भीमराव अंबेडकर भी उनमें शामिल हैं।

RSS के शताब्दी वर्ष पर दलाई लामा का संदेश

RSS कार्यक्रम में विदेशी मेहमान भी हुए शामिल

RSS कार्यक्रम में स्वंयसेवकों का पथ संचालन और बैंड की प्रस्तुति

RSS कार्यक्रम में नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे | RSS Sangh Vijaya Dashami Utsav 2025

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने किया शस्त्र पूजन

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