Nepal Social Media Ban Removed: नेपाल सरकार ने हिंसक प्रदर्शनों के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने का एलान किया है। प्रतिबंध हटाने की घोषणा पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने की। भ्रष्टाचार, असमानता और घोटालों के आरोप लगाते हुए देश की जनता ने संसद तक पहुंच कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। युवाओं के गुस्से की आग से संकट को गहराता देख सरकार ने सोमवार देर रात कैबिनेट बैठक बुलाई। बता दें कि नेपाल की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 340 से अधिक घायल भी हुए हैं।
इस कारण नेपाल की सरकार के खिलाफ गुस्से में है जनता
युवाओं के बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरने के कारण इसे जेन-जी का आंदोलन कहा जा रहा है। जनाक्रोश के कारण नेपाल सरकार पर संकट गहरा गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। इस आंदोलन का तात्कालिक कारण भले ही सोशल मीडिया पर पाबंदी बना है, लेकिन इसके मूल में देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और असमानता है। प्रतिबंध हटने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं जेन-जी पीढ़ी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। हमें विश्वास था कि हमारे बच्चे शांतिपूर्वक अपनी मांगों को उठाएंगे, लेकिन निहित स्वार्थों के कारण विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ हुई। इस कारण उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप नागरिकों की जान का दुखद नुकसान हुआ है… सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के पक्ष में नहीं थी और इसके इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करेगी।’
Nepal Prime Minister K.P. Sharma Oli releases a statement on the large-scale protests in the country
Says, "I am deeply saddened by the tragic incident that took place during the protest called by the Gen-Z generation today. While we were confident that our children will… pic.twitter.com/wEXYW6hVAY
— ANI (@ANI) September 9, 2025
जांच समिति का गठन किया जाएगा, 15 दिनों में रिपोर्ट
उन्होंने कहा, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए प्रदर्शन करते रहने की कोई जरूरत नहीं थी। बिगड़ते हालात को ऐसे ही जारी नहीं रहने दिया जाएगा… मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हिंसा और नुकसान, कारणों की जांच और विश्लेषण के लिए एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की सिफारिश की जाएगी।
सोशल मीडिया पर बैन के मुद्दे पर पीएम ओली ने क्या जवाब दिया
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश की संसद में यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा था कि ‘एक्स’ ने नेपाल की संप्रभुता का सम्मान नहीं। अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्वामित्व वाले इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्स ने नेपाल में पंजीकरण से इनकार कर दिया। सरकार बीते डेढ़ साल से सभी सोशल मीडिया कंपनियों से पंजीकरण कराने की अपील कर रही थी, लेकिन ऐसा नहीं कराया गया। नतीजतन सरकार को प्रतिबंध लगाने पड़े।
क्या है पूरा मामला, कहां से पनपा आक्रोश?
बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हजारों युवाओं ने काठमांडू की सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करते भी दिखे। पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार, डंडों और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के हाथों में ‘भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं’, ‘सोशल मीडिया अनब्लॉक करो’ जैसे नारे लिखे पोस्टर भी देखे गए। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में पीएम ओली की सरकार में शामिल मंत्रियों और अधिकारियों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार की कई खबरें सामने आई हैं।इन खबरों के बाद जनता के बीच आक्रोश पनप रहा है। हिंसा में हुई मौतों और घायल प्रदर्शनकारियों की खबरों के बाद देश में संकट गहराता देख संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी चिंता जताई। यूएन ने निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग की है।