छात्रों पर लाठीचार्ज, Akhilesh Yadav ने एक्स पर लिख दी बहुत बड़ी बात!

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Akhilesh Yadav: रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) से LLB की मान्यता रद्द होने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 25 से अधिक लोग घायल हुए, जिसके बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार पर जोरदार तंज कसा है. अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को आपसी झगड़ों में पिटवाया जा रहा है और फिर दिखावटी माफी मांगकर मरहम लगाने का नाटक किया जा रहा है.

अखिलेश यादव का ट्वीट

अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा, ये भाजपावाले इसी तरह बहलाते हैं… पहले आपसी झगड़े में ख़ुद ही बल भर पिटवाते हैं… फिर दिखावटी माफ़ी माँगने के लिए कान में फुसफुसाते हैं… उसके बाद ‘हड्डी तक पहुँची’ चोटों पर बातों का ‘बाहरी-ऊपरी’ मलहम लगाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सत्ताधारियों की अंदरूनी लड़ाई है, जिसमें ‘परिषद’ और ‘वाहिनी’ के बीच टकराव में छात्र पिस रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि छात्र अब सवाल कर रहे हैं कि ‘मुख्य’ पिटवा रहे हैं और ‘उप’ हाल पूछने आ रहे हैं, क्या यह सब मिलीभगत है या भिड़ंत?

क्या था पूरा मामला?

दरअसल सोमवार को बराबंकी में LLB छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन किया, जहां पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया. वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों को छात्रों पर लाठियां चलाते और घायलों को घसीटते देखा गया. घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर मामलों में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया. नाराज छात्रों ने अस्पताल में हंगामा भी किया.

अखिलेश का मुआवजा प्रस्ताव

अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि इस ‘ऐतिहासिक पिटाई’ के बाद छात्र सोच रहे हैं कि अब किस मुँह से वे सत्ताधारी खेमे का दावा करेंगे. उन्होंने दावा किया कि छात्रों की आंखें खुल गई हैं और वे भी कह रहे हैं, “भाजपा किसी की सगी नहीं है.” सपा प्रमुख ने मांग की कि सरकार घायलों का समुचित इलाज करवाए और हर घायल को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा दे.

CM योगी घटना से नाराज

CM योगी ने घटना पर संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए, इसमें कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई है. लेकिन अखिलेश ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन हिंसक हुआ, इसलिए बल प्रयोग करना पड़ा. वहीं, विपक्षी दलों ने इसे योगी सरकार की छात्र विरोधी नीति बताया है.

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