Brajesh Pathak: लखीमपुर खीरी में इलाज के दौरान गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बेहद गंभीरता से लिया है. जिस निजी अस्पताल में लापरवाही की घटना हुई, वो सील करा दिया गया है. गर्भवती महिला को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कराने वाली आरोपी आशा को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है. महिला के नि:शुल्क इलाज के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए गए हैं.
लखीमपुर खीरी के ग्राम नौसर जोगी (भीरा) निवासी श्री विपिन गुप्ता जी की गर्भवती पत्नी श्रीमती रूबी गुप्ता जी के इलाज में लापरवाही किए जाने के प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत महेवागंज (लखीमपुर खीरी) के गोलदार अस्पताल को सील कर दिया गया है, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना की…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) August 22, 2025
क्या है मामला
लखीमपुर खीरी के ग्राम नौसर जोगी निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी को बीते दिनों प्रसव पीड़ा हुई. पति गर्भवती पत्नी रूबी गुप्ता को बिजुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुआ में भर्ती कराया. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि अभी प्रसव का समय नहीं है. गर्भवती की तबीयत गड़बड़ है. लिहाजा गर्भवती को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. इसी दौरान विपिन की साली ने आशा बहू दीपा से संपर्क किया. आरोप है कि आशा बहू दीपा ने कहा कि गर्भवती को महेवागंज के गोलदार हॉस्पिटल में भर्ती करा दो.सब सही हो जायेगा. आरोप है कि गोलदार हॉस्पिटल में 21 अगस्त को चिकित्सक द्वारा गर्भवती को देखा गया. अस्पताल प्रबंधन ने पैसे जमा करने के लिए कहा. आरोप है कि पैसे न जमा करने पर गर्भवती महिला का इलाज नहीं किया गया. कुछ रुपए जमा करने के बाद इलाज शुरू किया गया.
परिजनों का अस्पताल प्रबंधन पर गलत इलाज का आरोप
इलाज शुरू करते ही गर्भवती महिला की हालत ज्यादा गम्भीर हो गई. आरोप है कि डॉक्टरों ने नर्सों की मदद से गर्भवती को अस्पताल से भगा दिया. इसके बाद परिजन गर्भवती रूबी को लेकर एक अन्य अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने जांच की बताया कि शिशु की पेट में मृत्यु हो चुकी है. गलत दवा खिलाने से ऐसा हुआ है, तब डॉक्टर द्वारा मृत बच्चा ऑपरेशन कर निकाला गया. परिजनों ने गोलदार अस्पताल प्रबंधन पर गलत इलाज का आरोप लगाया.
दोषी आशा को नोटिस जारी किया– ब्रजेश पाठक
इस घटना का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया. गोलदार हॉस्पिटल को सील करा दिया गया है. डिप्टी सीएम ने बताया कि दोषी आशा को नोटिस जारी कर दिया गया है. तीन सदस्यों की जांच कमेटी का गठन किया गया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. प्रसूता रूबी को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने के निर्देश सीएमओ को दिए गए हैं.