‘केशव चाचा न्याय करो…’ नारों के साथ 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने घेरा डिप्टी सीएम का आवास

‘केशव चाचा न्याय करो…’ नारों के साथ 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने घेरा डिप्टी सीएम का आवास

69000 Shikshak Bharti Protest: उत्‍तर प्रदेश की राजधानी में मंगलवार को 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। आज अभ्यर्थी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का आवास घेरने पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। उन्‍होंने कहा कि हम वोट के लिए हिंदू और नौकरी के लिए दलित हो जाते हैं। यह अन्याय मत करो। प्रदर्शन की सूचना पर पहले ही पुलिस पहुंच गई थी।

अभ्यर्थियों को डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास से पहले ही रोक लिया गया। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। अभ्यर्थी बोले कि उन दलितों पर सरकार न्याय करे और उन्हें कीड़े-मकोड़े न समझा जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला किया गया।

हमारे समाज के हैं डिप्‍टी सीएम मौर्य | 69000 Shikshak Bharti Protest in Lucknow

प्रदर्शन में शामिल अमित कुमार मौर्य ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य हमारे समाज के हैं। हम उनके दरवाजे पर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 22 से ज्यादा बार डेट लग गई है। मगर सरकार शामिल नहीं हो रही है। सरकार पहली पार्टी है और हम थर्ड पार्टी हैं। उसके बाद भी हमारी कोई पैरवी नहीं कर रही है। 1 साल हो गया सुप्रीम कोर्ट में मामला गए। 5 साल से हम सड़कों पर भटक रहे हैं। सरकार नहीं चाहती है कि दलित-पिछड़े लोग नौकरी पाएं।

अमित ने कहा कि 20 से अधिक बार केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर हमें घसीटा गया है। हम उनके समाज से आते हैं, मगर आज तक इन्होंने ने हमें न्याय नहीं दिलाया। हम लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। हमारी क्या गलती है? वोट देने के लिए हम लोग हिंदू हो जाते हैं और नौकरी के लिए पिछड़े-दलित हो जाते हैं। हमको कूड़े में फेंक दिया जाता है। कीड़ा-मकोड़ा समझा जाता है। धान-गेहूं बेचकर हम लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और अब सरकार साथ नहीं दे रही है।

जब तक सुनवाई नहीं होगी तब तक इसी तरह घेरेंगे | 69000 Shikshak Bharti Protest in Lucknow

अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार के द्वारा ठीक से पहले नहीं की जा रही है, इसलिए मामला दिन-प्रतिदिन टल रहा है। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और दर-दर भटक रहे हैं। इन्होंने कहा कि हम लोग लगातार अपनी आवाज पिछड़े-दलित विधायकों और मंत्रियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जब तक मांग पूरी नहीं हो जाएगी इसी तरीके से सरकार के हर मंत्री और विधायक के आवास को घेरेंगे और संघर्ष करेंगे।

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