कांग्रेस विधायक ने की नितिन गडकरी को पीएम बनाने की मांग, कहा- ‘वह देश को विकसित करने की सोच रखते हैं’

कर्नाटक से कांग्रेस पार्टी के विधायक बेलूर गोपालकृष्ण ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया है। शिमोगा जिले की सागर विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल की उम्र में पद छोड़ दें, तो गडकरी उनके आदर्श उत्तराधिकारी होंगे। गोपालकृष्ण का यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयानों के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने 75 साल की उम्र में नेताओं के पद छोड़ने की बात कही थी।

बुधवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान, आरएसएस प्रमुख भागवत ने संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले के 75 साल की उम्र के बाद पद छोड़ने संबंधी बयान का हवाला दिया। पीएम मोदी इसी साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। वहीं, नितिन गडकरी इसी साल 27 मई को 68 साल के हुए थे। ऐसे में गडकरी के पास लगभग 7 साल तक पीएम बने रहने का समय है।

कांग्रेस विधायक का बयान

गोपालकृष्ण ने कहा, “गडकरी को देश का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए, क्योंकि गडकरी आम आदमी के साथ हैं। उन्होंने राजमार्गों और अन्य क्षेत्रों में देश के विकास के लिए अच्छा काम किया है। देश की जनता उनकी सेवाओं और उनके व्यक्तित्व को जानती है।” शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने गडकरी द्वारा कथित तौर पर दिए गए एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने देश के गरीबों के प्रति चिंता व्यक्त की थी और दावा किया था कि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “इस पर विचार करने से लगता है कि उनके पास (देश के विकास के लिए) एक अवधारणा है और ऐसे लोगों को (प्रधानमंत्री) बनाया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने संकेत दिया है कि जो लोग 75 वर्ष के हो गए हैं, उन्हें पद छोड़ना होगा, इसलिए मुझे लगता है कि गडकरी के लिए समय आ गया है।”

येदियुरप्पा का उदाहरण दिया

कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा को 75 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता मोदी के बारे में नहीं बोल रहा है। उन्होंने कहा, “भाजपा के पापियों ने उन्हें (येदियुरप्पा को) आंखों में आंसू भरकर इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। वे एक वरिष्ठ नेता थे जिन्होंने भाजपा को खड़ा किया और राज्य में सत्ता में लाए। मोदी जी के साथ ऐसा व्यवहार क्यों? क्या मोदी के निर्देश पर ही येदियुरप्पा को पद से नहीं हटाया गया? मोहन भागवत ने भी यही कहा है कि 75 साल की उम्र के बाद सत्ता में नहीं रहना चाहिए और दूसरों को मौका देना चाहिए, इसलिए मुझे लगता है कि गडकरी को भी मौका दिया जाएगा।

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